The aim is to tarnish the image of India
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Editorial : भारत की छवि खराब करना मकसद है, विदेशी डॉक्यूमेंट्री का

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The aim is to tarnish the image of India

The aim is to tarnish the image of India निश्चित रूप से यह चिंता की बात है कि वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों को लेकर पश्चिमी मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में   अभी भी अनावश्यक और दोहरी मानसिकता की धारणा है। ब्रिटेन आधारित एक समाचार संस्था की ओर से जिस प्रकार की डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है, उससे जाहिर होता है कि किसी मंतव्य को लेकर भारत विरोधी रूख किस हद तक बढ़ चुका है।

केंद्र सरकार ने अब इस डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित कर दिया documentary banned है, जोकि एक आवश्यक कार्रवाई है। वास्तव में देश की छवि ऐसे दुर्भावनापूर्ण अभियानों से नहीं गिराई जा सकती। देश में हर समुदाय के साथ अल्पसंख्यक भी सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि इस डॉक्यूमेंट्री में यह बताया गया था कि किस प्रकार भारत में अल्पसंख्यक समुदाय संकट में है और गुजरात दंगों के समय किस प्रकार उनके हितों की रक्षा नहीं हो पाई। हालांकि समाचार संस्था का कहना है कि उसने यह डॉक्यूमेंट्री ब्रिटिश उच्चायुक्त की ओर से मिले दस्तावेज के आधार पर तैयार की थी।

यह तब है, जब ब्रिटेन के प्रधान ऋषि सुनक खुद Britain prime sage Sunak himself इस डॉक्यूमेंट्री से देश को अलग कर चुके हैं। उनकी राय पक्षपात आधारित नहीं है, अपितु वे भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ब्रिटेन के संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आते हैं। हालांकि यह तय है कि भारत में अभी भी कुछ लोग औपनिवेशिक नशे से दूर नहीं हुए हैं। वे उस समाचार संस्था को देश के सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर मानते हैं। लेकिन यह तय है कि कुछ लोग अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए किसी भी हद तक देश की गरिमा और छवि को कम करने में लगे हैं।

गौरतलब है कि इस डॉक्यूमेंट्री के सामने आने के बाद देश में वह तबका जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi और केंद्र शासित भाजपा का विरोधी है, बेहद खुश है। यह भी सच है कि गुजरात दंगों के लिए भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष ने जमकर हमले बोले हैं, हालांकि सर्वोच्च न्यायालय उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे चुका है। बीते दिनों में एक सामाजिक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के बाद यह तथ्य भी सामने आया था कि उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी की छवि खराब करने के लिए फंड जुटाया गया। क्या इस तरह की डॉक्यूमेंट्री में इन तथ्यों पर गौर फरमाया गया है।
 

केंद्र सरकार ने यह सही ही किया है कि डॉक्यूमेंट्री के हिस्सों को सोशल मीडिया पर जारी करने पर रोक लगा दी। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड को दिखाने वाले कई यूट्यूब वीडियो पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा यूट्यूब वीडियो के लिंक शेयर करने वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को भी ब्लॉक किया गया है। सूचना और प्रसारण सचिव ने आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह कार्रवाई की है। दरअसल, यह डॉक्यूमेंट्री पूर्वाग्रह से ग्रसित और खास नैरेटिव के प्रचार का एजेंडा ही नजर आती है।
 

वास्तव में इस मामले को अगर भारत पर हमला माना जाए तो यह कहना अनुचित नहीं होगा। यह डॉक्यूमेंट्री प्रधानमंत्री मोदी Prime Minister Modi के खिलाफ नहीं अपितु भारत के खिलाफ नजर आती है। बीते कुछ वर्षों में भारत ने जिस प्रकार की तरक्की हासिल की है, वह अनेक देशों को चकाचौंध करती है। बहुत से लोग जोकि देश के अंदर और बाहर बैठे हैं, इस बात को पचा नहीं पा रहे कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह उनके दिमाग में एक लहर पैदा कर रहा है कि कैसे भारत कई चुनौतियों के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर रहा है। इस समय भारत की महंगाई भी तुलनात्मक रूप से नियंत्रण में है और वह विकास दर को बेहतर बनाए रख रहा है।
 

यह भी समझने वाली बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश नित नई ऊंचाइयों को हासिल कर रहा है। देश ने अनेक ऐसी उपलब्धियों को हासिल किया है, जोकि आजादी के बाद से ही देश का सपना होती थी। अनुच्छेद 370 को खत्म करने जैसे अहम फैसले हों या फिर मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने वाला कानून, आतंकवाद की रीढ़ तोड़ने के लिए पाकिस्तान वाले कश्मीर में एयर स्ट्राइक हो।

मोदी सरकार Modi government  ने किसानों, मध्यम वर्ग, महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं और सभी को साथ लेकर सरकार चल रही है। यह सर्वमान्य है कि जब कोई बेहतर कर रहा होता है तो उसका पुरजोर विरोध भी होता है। वे लोग जोकि भारत की तरक्की पसंद नहीं करते और उसके विकास की राह में अड़चनें डालना जिनका एकमात्र एजेंडा हो गया है, वे इस प्रकार की डॉक्यूमेंट्री और बयानों के जरिए देश और उसके नेतृत्व की छवि खराब कर रहे हैं। यह समय देश को एकजुट होकर ऐसी ताकतों के विरोध करने का है। 

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